Tuesday, March 5, 2019

कुछ वक्त उनकी बाहो मे बिता पाते तो अच्छा था,
उनके उदास चेहरे पर मुस्कुराहट ला पाते तो अच्छा था।

कुछ मेरी गलतियाँ रही होगी कुछ उनकी जिद,
हम उनको दूर जाने से रोक पाते तो अच्छा था।

वो थाम ना सके हाथ मेरा उमर् भर के लिये,
कुछ दूर तक साथ चल पाते तो अच्छा था।

कितनी शामे गुजार दी उनके दीदार के लिये,
एक बार मेरी दहलीज पर आ जाते तो अच्छा था।

वो भी मशरूफ रहे, हम भी बेपरवाह रहे,
कुछ पल उनके साथ बिता पाते तो अच्छा था।

तो क्या हुआ वो दूर चले गये हमसे,
उनको मना कर वापस ला पाते तो अच्छा था।
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#mamta

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Aaj khud SE khud ko hara dena Ka fesla hai, Ek trph Zindagi dusri trph mout, Ek trph tum dusri or hm , Sab ajeeb dasta ki khel ,. Dusma...