किसी के लिए "मोहब्बत" धर्म हो सकती है, 'तलाश' आस्था हो सकती है और इक 'इन्सान' ईश्वर हो सकता है ।
और किसी का ज्ञान मुझे नहीं,पर मेरे लिए इसी तरह है ।
तुम मेरे ईश्वर हो, तुम्हारी मोहब्बत मेरा धर्म, और तुम्हारी तलाश मेरी 'आस्था' ।
और किसी का ज्ञान मुझे नहीं,पर मेरे लिए इसी तरह है ।
तुम मेरे ईश्वर हो, तुम्हारी मोहब्बत मेरा धर्म, और तुम्हारी तलाश मेरी 'आस्था' ।
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