Sunday, December 16, 2018

खुशबु ने फूलों से मिलना जुलना छोड़ दिया
कलियों ने उस बहार में खिलना छोड़ दिया
हवाओं ने आग से थोड़ी सी नजर क्या मिलाई
रुठ कर मोम ने आग से पिघलना छोड़ दिया
बड़ी कशमकश में पड़ गए हैं ये गुलजार सारे
रुठ कर सब से मौसम ने बदलना छोड दिया
रात नहीं होती और ख्बाब भी नहीं आते हैं
जलते हुए सूरज ने जब से ढलना छोड़ दिया
ये नाराजगी छाई हुई है यहां हर किसी पर
शायद प्यार ने दिल में उतरना छोड़ दिया
मोहब्बत की कहानी किताबों में मिलती है
अफसोस लोगों ने किताब पढ़ना छोड़ दिया

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Aaj khud SE khud ko hara dena Ka fesla hai, Ek trph Zindagi dusri trph mout, Ek trph tum dusri or hm , Sab ajeeb dasta ki khel ,. Dusma...